रूस और यूक्रेन के युद्ध के कारण मध्यप्रदेश में भी तनाव और चिंता का माहौल है. यहां के कई लोग यूक्रेन में फंसे हुए हैं जिनमें से ज्यादातर वहां पढ़ाई के लिए पहुंचे स्टूडेंट हैं. प्रदेश में सीएम हेल्पलाइन पर ही 122 लोगों के वहां फंसे होने की सूचना मिल चुकी है. प्रदेश सरकार विशेष रूप से छात्रों को वहां से सुरक्षित निकालकर लाने के लिए प्रयास कर रही है. स्टूडेंट और उनके परिजन जहां चिंतित है वहीं पढ़ाई के लिए यूक्रेन ही जाने का राज भी सामने आ रहा है.
दुनिया की टॉप क्लास मेडिकल यूनिवर्सिटी अमेेरिका और ब्रिटेन में है लेकिन MBBS की पढ़ाई करने के लिए इन दोनों देशों की बजाए प्रदेश से सबसे बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स यूक्रेन जाते हैं. एक्सपर्ट बताते हैं कि दरअसल वहां MBBS के लिए एडमिशन बहुत आसानी से मिल जाता है. NEET क्लियर कर लेने पर ही यूक्रेन में MBBS में एडमिशन मिल जाएगा फिर भले ही छात्र की रैंक कुछ भी हो.
छात्रों की यूक्रेन जाने की सबसे बड़ी वजह यही है. यूक्रेन में मेडिकल की सीट प्राप्त करने के लिए न तो हमारे यहां जैसी मारामारी होती है और न ही अमेरिका और ब्रिटेन की तरह यहां केवल ब्रिलिएंट स्टूडेंट ही जा पाते हैं. देश में भी केवल टैलेंटेड स्टूडेंट्स को ही एडमिशन मिल पाता है जबकि लेकिन यूक्रेन में सभी छात्रों को आसानी से एडमिशन मिल जाता है जोकि यहां जाने का सबसे खास आकर्षण है.
हालांकि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यूक्रेन में MBBS की फीस बहुत कम है. मेडिकल कोर्स के लिए भारत या अन्य देशों की तुलना में यूक्रेन में फीस बहुत कम है. देश में सामान्यत: इसमें कम से कम 60 लाख रुपए खर्च होते हैं जबकि यूक्रेन में महज 30 लाख रुपए में ही यह काम हो जाता है. भारत से हवाई जहाज से यूक्रेन आने जाने में भी महज 6 घंटे लगते हैं और फ्लाइट का किराया भी बहुत ज्यादा नहीं है. इस तरह देश की तुलना में करीब 50% कम खर्च में यहां MBBS पूरा हो जाता है.
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